नशा पिला के गिराना तो सब को आता है....

https://jyotesh.blogspot.com/2016/10/nasha-pila-ke-girana-to-sab-ko-aata-gazal-hindi.html

(1)
सदियों   की   दिल  की धड़कन है उनकी जागती आंखों में
ये जो फलक*  पर हंसमुख, चंचल  जगमग-जगमग तारे हैं
एक  जरा सी भूल  पे  हम  को  इतना  तो  बदनाम न कर
हम  ने  अपने    घाव   छूपा   कर  तेरे    काज   संवारे  हैं
कुछ  बातें,  कुछ  रातें,  कुछ   बरसातें,  अपना  सरमाया*
माजी*    के    अंधियारे   में   ये    जलते   दीप  हमारे  हैं
एक  जहां*  की  खोज में  अपने प्यार की नगरी छोड़ आए
और   जमाना  ये  समझा,  हम  प्यार  की  बाजी  हारे  हैं।
*आकाश * पूंजी *अतीत *संसार 
-’जमील’ साहब

(2)
अदा   आई,   जफा   आई,   गरूर  आया,  हिजाब आया
हजारों    आफतें    लेकर   हसीनों     का   शबाब  आया
बे-गम   किस   तरह  गुजरी, बे-गम  इस तरह गुजरी
न तुम आये, न चैन आया, न मौत आई, न ख्वाब आया।
-’नूह’ नारबी 

(3)  
वो आलम* है कि मुंह फेरे हुए आलम* निकलता है
शबे-फुर्कत* के  गम झेले हुयों का दम निकलता है
इलाही खैर हो, उलझन पे उलझन  बढ़ती जाती है
न मेरा दम, न उनके गेसुओं* का खम निकलता है
कयामत  ही  न हो जाए, जो  पर्दे से निकल आओ
तुम्हारे  मुंह  छुपाने  में तो ये आलम निकलता है।
*स्थिती *संसार *जुदाई की रात *केशों के पेच
-सफी लखनवी

(4)
कुछ  पहले-पहले   आज   न   दुनिया   छली  गयी
सुमनों  के   मुख   पर  सदा  धूल   ही   मली  गयी
बांहे फैलाकर पुलिनों ने, सरिता  से मांगा आलिंगन
प्रिय  आज  नहीं, वह  कल-कल  कहती चली गयी।
-शिवमंगल सिंह सुमन

(5)
हर  लम्हा  जैसे  भोर  का  टूटा  हुआ   सपन
हर  सांस  जैसे  फांस  की रह-रह  उठे  चुभन
इस जिन्दगी को दोस्त  कुछ ऐसे जिया हूं  मैं
जैसे  धुएं  की  बांह  में  सहमी  हुई   किरन।
-रामानन्द दोषी 

(6)
नशा  पिला  के  गिराना तो सब  को  आता  है
मजा तो  जब है कि गिरतों  को थाम ले साकी
जो  बादाक  थे   पुराने   वो   उठते  जाते  हैं
कही    से   आबे-बका-ए-दवाम*    ले    साकी
कटी  है  रात  तो   हंगामा-गुस्तरी*  में   तेरी
सहर  करीब  है  अल्ला  का   नाम ले  साकी। 
 *बिझौने के हंगामे *अमृत *सुबह
-इकबाल साहब

(7)
तू आतिशे-दोजख का   खतावार कि मैं
तू  सबसे   बड़ा  मुनिहदो-एय्यार कि मैं
  अल्लाह  को भी  बता  दिया हूरो-फरोश 
ऐ शेख!  बता  तू  है  गुनहगार  कि  मैं
-अर्श मल्सियानी
संकलन-संजय कुमार गर्ग

6 टिप्‍पणियां :

  1. bahut khoob ... kamaal ke sher aur nazare utaare hain ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय दिगम्बर जी! सादर नमन! ब्लॉग को पढ़ने व कमेंट्स करने के लिए सादर आभार!

      हटाएं
  2. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल सोमवार (24-10-2016) के चर्चा मंच "हारती रही हर युग में सीता" (चर्चा अंक-2505) पर भी होगी!
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय शास्त्री जी, सादर नमन! ब्लॉग को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद!

      हटाएं
  3. बेनामी1/03/2019

    This is really attention-grabbing, You are a very professional blogger.
    I've joined your feed and look ahead to in search of more of your wonderful
    post. Also, I have shared your website in my social networks

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामी3/17/2019

    Hello this is kind of of off topic but I was wondering if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually code with HTML.

    I'm starting a blog soon but have no coding skills so I wanted to get guidance from someone
    with experience. Any help would be greatly appreciated!

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!